मध्य प्रदेश सरकार गरीब बुजुर्गों, दिव्यांगों और कल्याणी महिलाओं की पेंशन राशि बढ़ाने की योजना बना रही है। सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन सशक्तिकरण विभाग ने इस राशि को ₹600 से बढ़ाकर ₹1500 करने का प्रस्ताव रखा है। यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत होता है, तो इससे राज्य के लगभग 55 लाख लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। वर्तमान में, 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं और पुरुषों को केवल ₹600 मासिक पेंशन मिलती है, जो उनकी बुनियादी जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं है। पेंशन में वृद्धि होने से इन लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उन्हें बेहतर जीवनयापन का अवसर मिलेगा।
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लाड़ली बहनों से अधिक मिलेगी वृद्धावस्था पेंशन
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो वृद्ध महिलाओं और पुरुषों को लाड़ली बहनों से अधिक राशि प्राप्त होगी। वर्तमान में, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लाड़ली बहनों को ₹1250 प्रति माह दिया जाता है, लेकिन 60 वर्ष की उम्र पार करने के बाद उनका नाम इस योजना से हटा दिया जाता है और वे केवल वृद्धावस्था पेंशन के पात्र बनते हैं। इसी कारण से सरकार की इस योजना पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। पिछले महीने महिला एवं बाल विकास विभाग ने लाड़ली बहना योजना से 1.63 लाख महिलाओं के नाम हटा दिए थे, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार को घेरा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार लाड़ली बहना योजना को बंद करना चाहती है और पात्र महिलाओं को इससे बाहर कर रही है।
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राज्य सरकार पर बढ़ेगा ₹496 करोड़ का अतिरिक्त भार
वर्तमान में, सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन सशक्तिकरण विभाग हर महीने लगभग ₹331 करोड़ की पेंशन वितरित करता है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो यह राशि बढ़कर ₹827 करोड़ प्रति माह हो जाएगी, जिससे सरकार पर ₹496 करोड़ का अतिरिक्त बोझ आएगा। इसके अलावा, लाड़ली बहना योजना के तहत भी अब तक तीन लाख महिलाओं के नाम हटाए जा चुके हैं, जिससे सरकार को हर महीने ₹1500 करोड़ का बजट चाहिए। सरकार इस आर्थिक दबाव को कैसे प्रबंधित करेगी, यह देखने वाली बात होगी।