कमलनाथ के ट्वीट पर मंत्री सारंग का पलटवार, आरक्षण पर भ्रामक बयान का आरोप

मध्यप्रदेश के सहकारिता, खेल और युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के 27% आरक्षण संबंधी ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि कमलनाथ जनता और पिछड़े वर्ग को गुमराह कर रहे हैं। सारंग ने बताया कि 2019 में कमलनाथ सरकार द्वारा बनाया गया कानून इतना कमजोर और आधारहीन था कि उस पर रोक लग गई। इसके बाद कमलनाथ सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष ठीक से पेश नहीं किया। सारंग ने कहा कि अगर कमलनाथ सरकार ने हाईकोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखा होता, तो यह मामला टलता नहीं। वे केवल राजनीति कर रहे थे और दिखावा कर रहे थे, जबकि हकीकत में वे कभी नहीं चाहते थे कि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिले।

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हाईकोर्ट के फैसले पर स्पष्टीकरण

मंत्री ने कहा कि कमलनाथ ने हाईकोर्ट द्वारा स्टे खारिज किए जाने के बाद ट्वीट किया, लेकिन यह केवल एक सर्कुलर के खिलाफ था, न कि 27% आरक्षण के मुख्य मामले पर। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरक्षण से जुड़ा मुख्य मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है। सारंग ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार ओबीसी को 27% आरक्षण देने के पक्ष में है और सरकार इस मामले पर कोर्ट में दृढ़ता से अपना पक्ष रख रही है।

सरकार की प्रतिबद्धता

सारंग ने जोर देकर कहा कि वर्तमान सरकार पिछड़े वर्ग के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आरक्षण के मामले में कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने इस मुद्दे पर केवल राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की, जबकि वर्तमान सरकार ठोस कदम उठा रही है। सारंग ने आश्वासन दिया कि सरकार हर संभव प्रयास करेगी ताकि पिछड़े वर्ग को उनका हक मिल सके।

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