जबलपुर के कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने शुक्रवार रात निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए चार स्कूलों को अवैध रूप से वसूले गए 38 करोड़ रुपये अभिभावकों को लौटाने का आदेश दिया है। आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर 30 दिनों के अंदर यह राशि वापस नहीं की गई तो इन स्कूलों की मान्यता रद्द की जा सकती है। यह कार्रवाई सेंट जोसेफ कॉन्वेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गैब्रियल हायर सेकेंडरी स्कूल (रांझी), दिल्ली पब्लिक स्कूल (मंडला रोड) और रॉयल सीनियर सेकेंडरी स्कूल (संजीवनी नगर) पर की गई है।
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2018-19 से 2024-25 तक अवैध फीस वसूली
जिला शिक्षा विभाग के अनुसार, इन चार स्कूलों ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 से 2024-25 के बीच कुल 63,009 छात्रों से 38 करोड़ 09 लाख रुपये अवैध रूप से फीस के रूप में वसूले। यह कार्रवाई अभिभावकों से प्राप्त शिकायतों की विस्तृत जांच के बाद की गई है।
मध्यप्रदेश प्राइवेट स्कूल्स (फीस और संबंधित मामलों का विनियमन) अधिनियम 2017 और 2020 के तहत गठित जिला समिति ने जांच में पाया कि इन स्कूलों ने फीस में अवैध बढ़ोतरी की थी।
इन स्कूलों को लौटानी होगी राशि
- सेंट जोसेफ कॉन्वेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, केंट: 21,827 छात्रों से 10 करोड़ 90 लाख रुपये।
- गैब्रियल हायर सेकेंडरी स्कूल, रांझी: 27,240 छात्रों से 17 करोड़ 42 लाख रुपये।
- दिल्ली पब्लिक स्कूल, मंडला रोड: 9,828 छात्रों से 6 करोड़ 97 लाख रुपये।
- रॉयल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, संजीवनी नगर: 4,114 छात्रों से 3 करोड़ 61 लाख रुपये।
2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया
अवैध फीस वसूली के लिए इन स्कूलों पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
- स्कूल प्रबंधन को यह राशि एचडीएफसी बैंक के खाते में जमा करनी होगी।
- जमा की गई राशि की रसीद जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में 30 दिनों के भीतर प्रस्तुत करनी होगी।
अवैध वसूली पर कड़ा रुख
कलेक्टर द्वारा उठाए गए इस सख्त कदम ने यह संदेश दिया है कि शिक्षा के नाम पर अवैध वसूली को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई अभिभावकों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।