सास-ससुर की संपत्ति पर दामाद का हक नहीं, MP हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

सास-ससुर की संपत्ति पर दामाद का हक नहीं, MP हाईकोर्ट का बड़ा फैसला भारतीय कानून के अनुसार, शादी के बाद दामाद को ससुराल की संपत्ति पर किसी भी प्रकार का कानूनी अधिकार नहीं मिलता है। हालांकि, कई बार ससुराल वाले दामाद को अपने घर में रहने की अनुमति दे सकते हैं या आर्थिक सहायता प्रदान कर सकते हैं। अगर ससुर अपनी बेटी और दामाद के नाम पर संपत्ति खरीदते हैं, तो वे उसके मालिक बन सकते हैं। लेकिन अगर संपत्ति सिर्फ रहने की अनुमति के आधार पर दी गई है, तो यह अधिकार स्थायी नहीं होता और उसे वापस लिया जा सकता है।

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अगर कोई बुजुर्ग अपनी संपत्ति से दामाद को बाहर करना चाहता है, तो वह “वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम” के तहत ऐसा कर सकता है। यह कानून वृद्ध माता-पिता को उनकी संपत्ति पर पूरा अधिकार देता है और यदि वे महसूस करते हैं कि उनकी देखभाल नहीं हो रही या उनके साथ अन्याय हो रहा है, तो वे कानूनी रूप से दामाद को घर से निकाल सकते हैं। इस मामले में अदालत भी बुजुर्गों के हितों की रक्षा करती है और उनकी संपत्ति पर उनका हक सुरक्षित रखती है।

ससुराल की संपत्ति पर किसी भी तरह का अधिकार पाने के लिए, संपत्ति का कानूनी हस्तांतरण या दानपत्र (Gift Deed) जरूरी होता है। यदि संपत्ति पिता या माता के नाम पर है और उन्होंने इसे बेटी और दामाद को हस्तांतरित नहीं किया है, तो दामाद को इस पर कोई अधिकार नहीं होगा। इसलिए, इस मामले में पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया को समझना आवश्यक है ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके।

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