इस सब्जी ने लगाया कमाई का लॉटरी, किसान की फसल खरीदने खुद व्यापारी कर रहे घर की पहरेदारी हजारीबाग जिले के कटलगढ़ प्रखंड का धरहरा गांव आधुनिक किसानों का गांव कहलाता है। यहां के किसान आधुनिक तरीकों से नई-नई फसलों की खेती कर रहे हैं। दरअसल, पहले के सालों में जिले में शिमला मिर्च की खेती नहीं होती थी, लेकिन पिछले 5-7 सालों से यहां के किसान सफलतापूर्वक शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं।
इसी गांव के किसान राजकुमार मेहता ने अपनी 2 एकड़ जमीन पर शिमला मिर्च की खेती की है, जिससे उन्हें अच्छी कमाई हुई है। आपको बता दें कि राजकुमार मेहता साल भर कई तरह की सब्जियों और फलों की खेती करते रहते हैं।
किसान राजू मेहता बताते हैं कि वह 10 सालों से खेती के काम में लगे हुए हैं। वे साल भर नई-नई तकनीकों से खेती करते हैं। शिमला मिर्च की खेती उन्होंने नवंबर महीने में शुरू की थी। उन्होंने इसके बीज ऑनलाइन केरल से मंगवाए थे। इसके बाद पॉलीहाउस में बीजों को तैयार किया गया।
आगे उन्होंने बताया कि शिमला मिर्च की खेती में लागत दोगुनी निकलती है। दो एकड़ के पूरे खेत में लगभग 2 लाख रुपये की लागत आई थी, और अब तक करीब 4 लाख रुपये की फसल बेच चुका हूं। अब 20 प्रतिशत और फसल आने की उम्मीद है।
बड़े पैमाने पर खेती किए जाने के कारण व्यापारी खुद यहां आकर फसल ले जाते हैं। किसान को अपनी फसल बेचने के लिए किसी भी बाजार जाने की झंझट नहीं होती है। वो आसानी से खेत के काम में लगा रह सकता है। यहां खेतों में उगाई गई शिमला मिर्च मुख्य रूप से ओडिशा और बिहार जाती है।